कोतरी। डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल कोतरी में बुधवार पूर्ववर्ती छात्र - छात्राओं के पुनर्मिलन समारोह का आयोजन किया गया। इसमें स्कूल से शिक्षा पूर्ण करने वाले विभिन्न बैच के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया व कार्यक्रम का भरपूर आनंद उठाया। छात्र - छात्राओं ने पुनर्मिलन को यादगार यादों और हार्दिक क्षणों से भरे दिन के साथ मनाया। तिलक व पुष्प वर्षा के साथ विद्यार्थियों का स्वागत किया गया। इस दिन की शुरुआत वैदिक हवन - पूजन के साथ की गई।
सर्वप्रथम स्वामी दयानंद सरस्वती व महात्मा हंसराज की प्रतिपूर्ति पर पुष्प अर्पित कर आराधना की गई। डीएवी गान कराया गया इसके बाद विद्यार्थियों ने साथ बिताए प्रारंभिक वर्षों पर विचार किया। सभी ने अपना परिचय, वर्तमान स्थिति व अनुभव साझा किया। उन्होंने उस दौरान अनुभव किए गए सौहार्द और विकास को याद किया तो खुशी और पुरानी यादों के आंसू बह निकले।
विद्यालय के प्राचार्य हिमांशु कुनार ने विद्यार्थियों का स्वागत किया और उद्देश्य बताया कि किस प्रकार वे लंबे समय से इस कार्यक्रम की भूमिका बना रहे थे उनके पास विभिन्न विद्यार्थियों के फोन और मैसेज आते थे परंतु विद्यालय के आवश्यक कार्यों की वजह से इसमें विलंब हो रहा था। कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए उन्होंने सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों का आभार व्यक्त किया।
सभी विद्यार्थियों को समय का महत्व समझाया व उनकी उपलब्धियों पर प्रसन्नता व्यक्त की। करियर संबंधी शुभकामनाएं देते हुए उन्होने निरंतर कठिन परिश्रम करते हुए विद्यालय, माता - पिता, देश का नाम रोशन करने, हिम्मत न हारने व उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
खेल शिक्षक लक्ष्मीकांत साहू ने विद्यार्थियों को सफलता का आशीर्वाद दिया। विद्यालय के शुरुआत से लेकर अब तक के यादगार लम्हों की यादों को ताजा किया साथ ही प्रारंभिक व वर्तमान शिक्षा पर अपने विचार साझा किए।
संस्कृत आचार्य डॉ. रुपेंद्र कुमार तिवारी ने विद्यार्थियों में अपने हास्यात्मक अंदाज में जोश भर दिया। प्रत्येक विद्यार्थियों का नाम बताते हुए उससे जुड़ी घटनाओं का जिक्र किया जिससे विद्यार्थियों के चेहरों पर मुस्कान आ गई। कार्यक्रम को लेकर सभी विद्यार्थियों का धन्यवाद करते हुए शिक्षा के उत्कृष्ट पद पर जाने की शुभकामनाएं दी।
पूर्व शिक्षक सुनील शर्मा ने इसे गौरवांवित करने वाला क्षण बताया, शिक्षा में चुनौतियों को लेकर अपना अनुभव बताते हुए कहा कि उनका रिश्ता इस विद्यालय से इतना गहरा है कि वे कहीं भी रहे पर इस विद्यालय और इससे संबंधित यादों को वे कभी नही भूल सकते। आज वे लम्हें इस कार्यक्रम के माध्यम से फिर से ताजा हो गई इसके लिए उन्होंने सभी विद्यार्थियों व शिक्षकों को धन्यवाद दिया।
पूर्व शिक्षक धर्मेंद्र पूरी गोस्वामी ने विद्यार्थियों से मिलने वाले प्यार और बिताए लम्हों को याद करते हुए कहा लक्ष्य तय करना आवश्यक है पर इसकी वजह से हमें अपने वर्तमान को नहीं भूलना चाहिए। इसे हमें खुलकर जीना चहिए क्योंकि अगर हमारा वर्तमान अच्छा होगा तो भविष्य भी अच्छा हो जाएगा।
पूर्व शिक्षक मिलेश भार्गव ने शिक्षा के महत्व को समझाया कि किस प्रकार इसके माध्यम से ऊंचाइयों के शिखर पर पहुंचा जा सकता है और वह सब कुछ हम हासिल कर सकते हैं जो हम प्राप्त करना चाहते हैं।
बीते दिनों की यादें और अनुभव किया साझा
इसके बाद सभी छात्र - छात्राओं ने एक से बढ़कर एक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। इसमें कविता, नृत्य, गीत, संगीत व अन्य प्रतिभाओं ने मन मोह लिया। खेल के माध्यम से खट्टी - मीठी यादों को ताजा किया गया। श्रद्धा की भावना के साथ, उन्होंने स्कूल में सैर की, परिचित शयनगृहों और कक्षाओं का दौरा किया, जो कभी हँसी और सीखने से गूंजते थे। हर कदम पर बीते दिनों की यादें और साझा अनुभव उभरे, जिन्होंने उनके जीवन को आकार दिया।
जैसे-जैसे दिन ढलने लगा, वे एक बार फिर सामुदायिक भोजन के लिए एकत्र हुए। तालियों की गड़गड़ाहट और जीवंत बातचीत के बीच, उन्हें स्थायी मित्रता और साझा इतिहास में सांत्वना मिली जिसने उन्हें एक साथ लाया था। इन बैच लिए यह उत्सव सिर्फ एक पुनर्मिलन से कहीं अधिक था, यह मित्रता के स्थायी बंधन, शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति और कृतज्ञता की शाश्वत भावना का एक प्रमाण था जो आने वाले वर्षों तक उन्हें एक साथ बांधे रखेगा।
पूर्व विद्यार्थियों व शिक्षकों के सहयोग से सफल संचालन
कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए प्राचार्य हिमांशु कुनार के साथ विद्यालय के समस्त शिक्षकों, पूर्व शिक्षकों, पूर्व छात्र - छात्राओं तीर्थराज तिवारी, अनंत साहू, प्रेमचंद अहिरवार, अदिति दुबे, चंद्रप्रकाश राजपूत, मयंक मिश्रा, अभिजीत तिवारी, पंकज राजपूत, श्रुति तिवारी, हर्ष, द्विवेदी, आस्तिक सोनी, अंश कश्यप, तनिष्क सोनी, आर्या चंद्राकर व अन्य छात्र - छात्राओं का विशेष सहयोग रहा।